Wolvaardt Century: दक्षिण अफ्रीका की महिलाओं को विश्व कप फाइनल में पहुंचाया

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वोल्वार्ड्ट की वर्ल्ड कप मास्टरक्लास: साउथ अफ्रीका का ऐतिहासिक फाइनल में प्रवेश

कौशल और साहस के अद्भुत प्रदर्शन में, लॉरा वोल्वार्ड्ट ने अपने नाम को इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया। उन्होंने शानदार, नाबाद शतक जड़कर साउथ अफ्रीका को इंग्लैंड पर 5 विकेट की रोमांचक जीत दिलाई और आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025 के पहले सेमीफाइनल में फाइनल का टिकट पक्का किया। 228 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, प्रोटियाज महिला टीम ने अपनी कप्तान के शानदार 124 रन* की बदौलत यादगार जीत हासिल की और अब ऑस्ट्रेलिया से फाइनल में भिड़ेगी।


मैच सारांश: दबाव में दिग्गजों की भिड़ंत

काउंटी ग्राउंड, डर्बी में हुआ पहला सेमीफाइनल एक क्लासिक नॉकआउट मुकाबला साबित हुआ, जिसमें हर ओवर में रोमांच और तनाव था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.2 ओवर में 227 रन बनाए और ऑल आउट हो गई।

इंग्लैंड की पारी: विकेटकीपर-बल्लेबाज एमी जोन्स ने इंग्लैंड के लिए शानदार 78 रन (96 गेंदों में) बनाकर पारी को संभाला। उन्हें सोफी डंकली (31) और सोफी एक्लेस्टोन (24) का साथ मिला। लेकिन साउथ अफ्रीका की गेंदबाजी अनुशासित रही — अयाबोंगा खाका (2/38) और मरिज़ान कप (2/44) ने नियमित अंतराल पर विकेट लेकर इंग्लैंड को बड़े स्कोर से रोका।


साउथ अफ्रीका की पारी की शुरुआत: दबाव बढ़ता गया

लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की शुरुआत कमजोर रही। दोनों ओपनर — तज़मिन ब्रिट्स और एनेके बॉश — सिर्फ 43 रन पर पवेलियन लौट गईं। इंग्लैंड के अनुभवी गेंदबाज — केट क्रॉस और सोफी एक्लेस्टोन — ने मौके का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की।


लॉरा वोल्वार्ड्ट का शो: एक यादगार पारी

जब मैच हाथ से फिसलता दिख रहा था, कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट ने मैदान पर कमाल कर दिखाया। यह पारी तकनीकी उत्कृष्टता और मानसिक मजबूती का शानदार उदाहरण थी।

वोल्वार्ड्ट ने अपनी पहचान वाली एलीगेंट कवर ड्राइव्स के साथ सटीक रनिंग और समझदारी भरी आक्रामकता दिखाई। उन्होंने पहले सुन लूस (21) के साथ पारी को संभाला और फिर क्लोई ट्रायन (27 रन, 22 गेंद) के साथ साझेदारी में इंग्लैंड के खिलाफ मैच का रुख बदल दिया।

43वें ओवर में जब वोल्वार्ड्ट ने ऑफ साइड में गैप निकालते हुए अपना शतक पूरा किया, पूरा स्टेडियम झूम उठा। यह उनका पहला वर्ल्ड कप शतक था, जिसमें 13 चौके और 1 छक्का शामिल थे — यह उनकी क्लास और धैर्य दोनों का प्रमाण था।


विजय की नींव रखने वाली साझेदारियाँ

इतने बड़े चेज़ में अकेले कोई मैच नहीं जीतता — और वोल्वार्ड्ट को सही समय पर बेहतरीन सहयोग मिला।

1. सुन लूस के साथ साझेदारी (52 रन): शुरुआती दो विकेटों के बाद यह साझेदारी निर्णायक रही। दोनों ने दबाव को झेला और इंग्लैंड की शुरुआती गेंदबाजी को थामा।

2. क्लोई ट्रायन के साथ साझेदारी (64 रन, 9 ओवर): इस साझेदारी ने मैच पलट दिया। ट्रायन के विस्फोटक हिटिंग ने रनरेट का दबाव घटाया और वोल्वार्ड्ट को अपना नैसर्गिक खेल खेलने दिया।


विश्लेषण: मैच कहां जीता और हारा गया

साउथ अफ्रीका की डेथ बॉलिंग:
इंग्लैंड की पारी के आखिरी 10 ओवरों में प्रोटियाज गेंदबाजों ने सिर्फ 50 रन दिए और महत्वपूर्ण विकेट झटके। यही 20–30 रन का अंतर अंत में निर्णायक साबित हुआ।

इंग्लैंड की चूकी हुई मौके:
एमी जोन्स की शानदार पारी के बावजूद बाकी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाए। साथ ही, वोल्वार्ड्ट के खिलाफ छूटा कैच और मिस्ड रन-आउट इंग्लैंड के लिए भारी पड़ा।

कप्तान की भूमिका:
यह जीत सिर्फ एक बल्लेबाज की नहीं, बल्कि नेतृत्व की मिसाल थी। वोल्वार्ड्ट ने कप्तान के रूप में उदाहरण पेश किया — धैर्य, आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ टीम को फाइनल तक पहुंचाया।


आगे की राह: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्लॉकबस्टर फाइनल

इस जीत के साथ साउथ अफ्रीका ने पिछले संस्करण के सेमीफाइनल की हार की कड़वाहट मिटा दी है। अब वे आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में पहुंच गए हैं, जहां उनका सामना होगा ऑस्ट्रेलिया से — जिसने दूसरे सेमीफाइनल में भारत को हराया।

मंच तैयार है — एक तरफ ऑस्ट्रेलिया की सटीक मशीन, तो दूसरी ओर साउथ अफ्रीका की जोशीली टीम, जिसका नेतृत्व कर रही हैं प्रेरणादायक कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट। क्या साउथ अफ्रीका अपनी लय से ऑस्ट्रेलिया के प्रभुत्व को तोड़ पाएगा? क्रिकेट जगत इंतज़ार में है।

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