धर्मेंद्र न्यूज़: एक दिग्गज के लिए श्रद्धांजलियों की बौछार, राष्ट्र शोक में डूबा
भारतीय सिनेमा ही नहीं, पूरी दुनिया आज शोक में डूबी हुई है, क्योंकि दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की खबर फैल चुकी है। बॉलीवुड के इस विराट सितारे, जिन्हें प्यार से हिंदी सिनेमा का “ही-मैन” कहा जाता था, ने छह दशकों से भी अधिक का शानदार सफर तय किया। इस दौरान उन्होंने अनगिनत प्रतिष्ठित भूमिकाएँ निभाईं, यादगार डायलॉग दिए, और अपनी मनमोहक शैली से करोड़ों दिलों को जीता। आज पूरा राष्ट्र और उसके दिग्गज सितारे उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त कर रहे हैं।
सचिन तेंदुलकर की भावुक श्रद्धांजलि: “10 खून कम हो गया”
श्रद्धांजलियों की यह लहर फिल्म उद्योग की सीमाओं को पार करते हुए भारतीय खेल जगत तक पहुँच गई है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर, जो बचपन से धर्मेंद्र की फिल्में देखते हुए बड़े हुए, ने एक भावुक नोट साझा किया, जिसने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है।
अपनी श्रद्धांजलि में, तेंदुलकर ने धर्मेंद्र के सिनेमा में अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे “10 खून कम हो गए” (धर्मेंद्र की प्रसिद्ध फिल्म शोले का संदर्भ, जिसका अर्थ है—“10 दुश्मनों का बदला पूरा हो गया”)। यह मार्मिक पंक्ति एक युग के अंत की भावना को सुन्दर ढंग से व्यक्त करती है। तेंदुलकर के लिए धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे—वह एक ऐसा चेहरा थे जिसने कई पीढ़ियों के जीवन में निरंतर उपस्थिति बनाए रखी। उनका संदेश इस बात को रेखांकित करता है कि धर्मेंद्र की कला ने न सिर्फ पर्दे पर बल्कि लोगों के दिलों में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी।

राजनीतिक जगत भी शोक में शामिल
इस दुखद समाचार ने शीर्ष राजनीतिक नेताओं से भी संवेदनाएँ प्राप्त कीं, जो धर्मेंद्र की देशभर में लोकप्रियता को दर्शाता है। बताया गया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण ने भी गहरा दुख व्यक्त किया।
नायडू ने धर्मेंद्र को “एवरग्रीन हीरो” बताया, जिनकी हिंदी और पंजाबी फिल्मों ने अनगिनत परिवारों को खुशी दी। पवन कल्याण ने धर्मेंद्र की प्रेरणादायक यात्रा को याद करते हुए कहा कि उनका निधन फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ी क्षति है। राजनीतिक जगत में इस तरह का व्यापक शोक धर्मेंद्र की सार्वभौमिक लोकप्रियता और हर वर्ग के दर्शकों से उनके भावनात्मक जुड़ाव का प्रमाण है।
शर्मिला टैगोर की यादें: “शांत शक्ति” वाले सहकर्मी
सबसे भावुक प्रतिक्रियाएँ उन लोगों से आईं जिन्होंने उनके साथ काम किया था। प्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, जो सत्यकाम और मेरे हमदम मेरे दोस्त जैसी क्लासिक फिल्मों में उनकी सह-कलाकार रह चुकी हैं, एक भावुक वीडियो संदेश में टूट पड़ीं।
उन्होंने उस एक्शन-हीरो की बात नहीं की, जिसे जनता पसंद करती थी। बल्कि उन्होंने उस व्यक्ति को याद किया जो पर्दे के पीछे था। टैगोर ने धर्मेंद्र की “दया और शांत शक्ति” को याद करते हुए बताया कि वह सेट पर हमेशा एक सहायक, विनम्र और सौम्य उपस्थिति रखते थे। उन्होंने सत्यकाम की शूटिंग के दिनों का एक भावुक किस्सा भी साझा किया, जहाँ फिल्म की गंभीरता के बावजूद धर्मेंद्र का शांत स्वभाव सेट पर सबके लिए सुकून लेकर आता था।
“वह बहुत कम बोलने वाले व्यक्ति थे, लेकिन उनके काम बहुत कुछ कह जाते थे,” उन्होंने कहा, धर्मेंद्र के उस संवेदनशील पक्ष का वर्णन करते हुए जो उनके “ही-मैन” छवि से कहीं ज्यादा गहरा था।

“ही-मैन” की अमर विरासत
धर्मेंद्र का करियर बहुमुखी प्रतिभा का एक जीवंत उदाहरण था। वह बंदिनी और सत्यकाम के गंभीर, गहन नायक से लेकर चुपके चुपके और प्रतिज्ञा में हास्यप्रधान भूमिकाएँ निभाने तक, और फिर शोले व धर्म वीर जैसी फिल्मों में एक्शन सुपरस्टार के रूप में छा जाने तक—हर शैली में निपुण थे।
एक साधारण पंजाबी लड़के से हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक बनने की उनकी यात्रा किसी प्रेरक किंवदंती से कम नहीं। वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे; वह एक भावना थे। उनका अंदाज़, उनकी मुस्कान, और हर वर्ग के दर्शक से उनका संवाद स्थापित करने की क्षमता उन्हें सच्चा आइकन बनाती है।
एक अंतिम सलाम
आज की यह धर्मेंद्र खबर सिर्फ एक निधन की सूचना नहीं है; यह एक राष्ट्र का सामूहिक शोक है। सचिन तेंदुलकर, शर्मिला टैगोर और राजनीतिक नेताओं की श्रद्धांजलियाँ सिर्फ बयान नहीं हैं—वे उस प्रेम और सम्मान की गूंज हैं जो धर्मेंद्र ने अपने जीवनभर अर्जित किया।
“ही-मैन” भले ही इस दुनिया से जा चुके हों, पर उनकी विरासत अमर है। वह हर फिल्म के फ्रेम में, हर दर्शक के दिल में, और उन लोगों की यादों में जीवित रहेंगे जिन्होंने उन्हें एक सरल, मजबूत और विनम्र इंसान के रूप में जाना। पर्दा भले ही गिर गया हो, पर उनके असाधारण जीवन का शो हमेशा भारतीय सिनेमा के इतिहास में चमकता रहेगा।