जैसे ही बंगाल की खाड़ी में मौसमी उथल-पुथल बढ़ रही है, साइक्लोन मोंथा (Cyclone Montha) एक महत्वपूर्ण मौसमीय घटना के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसने मौसम वैज्ञानिकों और स्थानीय निवासियों का ध्यान आकर्षित किया है। थाईलैंड द्वारा नामित, यह चक्रवात एक डिप्रेशन (depression) से तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान (severe cyclonic storm) में बदल रहा है, जिससे भारत के पूर्वी तट के लिए संभावित खतरे उत्पन्न हो गए हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी की गई चेतावनियों के साथ, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
इस विस्तृत रिपोर्ट में हम चक्रवात की वर्तमान स्थिति, संभावित मार्ग, प्रभाव और सुरक्षा उपायों पर चर्चा करेंगे — ताकि आप सतर्क रह सकें और आवश्यक कदम उठा सकें।
ऐसी घटनाओं को समझना हमें न केवल तैयार करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने सक्रिय तैयारी कितनी जरूरी है।
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पोस्ट-मानसून (post-monsoon) अवधि में मोंथा जैसे चक्रवात असामान्य नहीं हैं, लेकिन इनकी बढ़ती आवृत्ति (frequency) और तीव्रता (intensity) जलवायु परिवर्तन पर गंभीर प्रश्न उठाती है। उदाहरण के लिए, बंगाल की खाड़ी में बढ़ता समुद्री तापमान ऐसे सिस्टम्स को ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे भारी वर्षा और तेज हवाएं पैदा होती हैं। आगे हम विशेषज्ञों की राय के आधार पर एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
Cyclone Montha की वर्तमान स्थिति (Current Status of Cyclone Montha)
25 अक्टूबर 2025 तक, साइक्लोन मोंथा दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र (low-pressure area) के रूप में उत्पन्न हुआ, जो आज सुबह डिप्रेशन (depression) में बदल गया।
यह फिलहाल पोर्ट ब्लेयर से लगभग 420 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, विशाखापट्टनम से 990 किमी दक्षिण-पूर्व और काकीनाडा से 1000 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है, और लगभग 7 किमी/घंटा की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
IMD के अनुसार,
- यह 26 अक्टूबर तक डीप डिप्रेशन,
- 27 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm),
- और 28 अक्टूबर की सुबह तक गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) में परिवर्तित हो जाएगा।
बंगाल की खाड़ी के चक्रवातों की यही सामान्य प्रक्रिया होती है, जहां समुद्री नमी निम्न दबाव क्षेत्र को ऊर्जा देती है और एक घूमता हुआ भंवर बनाती है।
हवा की गति 90–100 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है, जबकि झोंके 110 किमी/घंटा तक जा सकते हैं।
यह Category 1 Hurricane के बराबर है — जो इमारतों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने और बाढ़ लाने में सक्षम है।

संभावित मार्ग और लैंडफॉल विवरण (Expected Path and Landfall Details)
चक्रवात के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है, और यह दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर और अधिक तीव्र हो जाएगा।
28 अक्टूबर की शाम या रात को इसके आंध्र प्रदेश तट पर माचिलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास लैंडफॉल करने की संभावना है।
यह क्षेत्र अपनी उपजाऊ डेल्टा भूमि और मत्स्य पालन समुदायों के लिए प्रसिद्ध है, जो इस तूफान की सीधी चपेट में आ सकते हैं।
पिछले रिकॉर्ड, जैसे साइक्लोन हुदहुद (2014), ने इसी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी — बिजली बाधित हुई थी, और फसलें नष्ट हो गई थीं।
मौसमी प्रभाव और वर्षा पूर्वानुमान (Weather Impacts and Rainfall Predictions)
मोंथा चक्रवात कई राज्यों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा लेकर आएगा।
- आंध्र प्रदेश: 27 से 29 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी बारिश, बिजली की गर्जना और तेज हवाओं के साथ।
- रेयलसीमा क्षेत्र: 27–28 अक्टूबर को 24 घंटे में 210 मिमी से अधिक वर्षा की संभावना।
- ओडिशा और पश्चिम बंगाल: भारी वर्षा के साथ प्रभाव की उम्मीद।
- तमिलनाडु (चेन्नई, विलुप्पुरम): पहले से ही तीव्र बारिश दर्ज की जा रही है।
यह वर्षा फ्लैश फ्लड्स, भूस्खलन (landslides) और शहरी जलजमाव (urban waterlogging) का कारण बन सकती है।
गोडावरी डेल्टा के निम्न क्षेत्रों में मिट्टी की नमी बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना सकती है।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, वनों की कटाई (deforestation) और अनियोजित शहरीकरण (unplanned urbanization) इन जोखिमों को बढ़ाते हैं।

IMD अलर्ट और चेतावनी प्रणाली (IMD Alerts and Warnings Explained)
IMD ने एक रंग-कोडित अलर्ट प्रणाली (color-coded alert system) जारी की है:
| Alert Level | Meaning | Action Required | Examples in Montha |
|---|---|---|---|
| Green | कोई गंभीर मौसम नहीं | अपडेट रहें | 25 अक्टूबर को हल्की बारिश |
| Yellow | सतर्क रहें | तैयार रहें | 27 अक्टूबर को कुछ जिलों में भारी वर्षा |
| Orange | तैयारी करें | सुरक्षा उपाय अपनाएँ | 28 अक्टूबर को रेयलसीमा में बहुत भारी बारिश |
| Red | कार्रवाई करें | आदेशों का पालन करें, निकासी आवश्यक हो तो करें | 28–29 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के 12 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश |
प्रभावित क्षेत्र और संभावित जोखिम (Affected Areas and Potential Risks)
मुख्य प्रभाव आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों पर पड़ेगा —
पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा, और काकीनाडा सबसे अधिक जोखिम में हैं।
रेयलसीमा के अंदरूनी क्षेत्र जैसे कडप्पा और अन्नमय्या में भी भारी वर्षा की संभावना है।
ओडिशा (गोपालपुर के पास) और पश्चिम बंगाल में 27 अक्टूबर से प्रभाव शुरू हो सकता है।
सबसे कमजोर समूहों में मछुआरे, किसान, और द्वीपीय गांवों के निवासी शामिल हैं।
फसलें, विशेष रूप से गोडावरी बेसिन के धान के खेत, यदि जलभराव लंबे समय तक रहा तो गंभीर नुकसान झेल सकते हैं।
विशाखापट्टनम जैसे शहरी केंद्रों में बिजली बाधित और ट्रैफिक अव्यवस्था की आशंका है।
सरकारी तैयारियां और सलाह (Government Preparations and Advisories)
आंध्र प्रदेश प्रशासन ने आपात तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्य सचिव के. विजयानंद ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे
- कंट्रोल रूम स्थापित करें,
- जरूरी वस्तुओं (दूध, मोमबत्तियां, दवाएं) का स्टॉक रखें,
- संचार व्यवस्था (telecom) को सुचारू बनाए रखें।
भारतीय तटरक्षक बल (Coast Guard) ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
गर्भवती महिलाओं को द्वीपीय इलाकों से स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है।

ऐतिहासिक संदर्भ और जलवायु अंतर्दृष्टि (Historical Context and Valuable Insights)
मोंथा जैसे चक्रवात टिटली (2018) और हुदहुद (2014) जैसे पिछले चक्रवातों के समान पैटर्न का पालन कर रहे हैं।
जलवायु अनुसंधानों से पता चलता है कि वैश्विक तापमान वृद्धि (global warming) के कारण चक्रवात की तीव्रता में 10–20% की वृद्धि हुई है।
आंध्र प्रदेश के 50% से अधिक तट पहले से ही कटाव-प्रवण (erosion-prone) हैं, जिससे संवेदनशीलता और बढ़ जाती है।
समुदायों को अब सुदृढ़ खेती (resilient farming) और बुनियादी ढांचे के उन्नयन पर ध्यान देना चाहिए।
सुरक्षा सुझाव (Essential Safety Tips for Residents)
तूफान का सामना करने के लिए तैयारी सबसे बड़ा बचाव है।
यहाँ कुछ आवश्यक कदम दिए गए हैं:
- जरूरी वस्तुएं एकत्र करें: 72 घंटे के लिए सूखा भोजन, पानी, दवाइयाँ और बैटरियां रखें।
- घर सुरक्षित करें: खिड़कियाँ बंद करें, पेड़ की शाखाएँ काटें, बाहर के सामान को मजबूती से बांधें।
- निकासी योजना बनाएं: निकटतम शेल्टर जानें, दस्तावेज़ और नकद के साथ गो-बैग तैयार रखें।
- सूचित रहें: IMD अपडेट्स का पालन करें और सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें।
- तूफान के दौरान: घर के अंदर रहें, खिड़कियों से दूर, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद रखें।
- तूफान के बाद: गिरे हुए बिजली के तारों और दूषित पानी से सावधान रहें।
निष्कर्ष (Conclusion)
साइक्लोन मोंथा प्रकृति की शक्ति और हमारी सजगता की आवश्यकता का एक सशक्त स्मरण है।
IMD की चेतावनियों का पालन करके और प्रशासनिक निर्देशों का सम्मान करते हुए, हम जोखिम को कम कर सकते हैं और सुरक्षित रह सकते हैं।
समुदाय की एकता बहुत मायने रखती है — अपने पड़ोसियों की मदद करें और सही जानकारी साझा करें।
जैसे-जैसे तूफान नज़दीक आ रहा है, सुरक्षा और धैर्य बनाए रखें।
आधिकारिक अपडेट के लिए IMD वेबसाइट देखें — सुरक्षित रहें, आंध्र प्रदेश!