अमेरिकी सरकार का शटडाउन: कारण, इतिहास और परिणामों की गहन पड़ताल
“सरकार का शटडाउन” शब्द अक्सर अमेरिकी समाचार सुर्ख़ियों में उभरता है, जो राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और जनता की चिंता के साथ आता है। यह एक अनोखी अमेरिकी राजनीतिक घटना है जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रफ़्तार को धीमा कर सकती है। लेकिन वास्तव में अमेरिकी सरकार का शटडाउन क्या होता है? इसका असर किस पर पड़ता है और यह बार-बार क्यों होता है?
यह व्यापक गाइड अमेरिकी सरकार के शटडाउन को आसान भाषा में समझाएगा। हम इसके मूल कारणों को अमेरिकी संविधान में खोजेंगे, इसके इतिहास को हर बड़े शटडाउन से जोड़कर देखेंगे, नागरिकों और अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे असर का विश्लेषण करेंगे, और उन राजनीतिक रणनीतियों को समझेंगे जिनके कारण यह बार-बार की समस्या बन जाती है। इस प्रक्रिया को समझना आधुनिक अमेरिकी राजनीति को समझने की कुंजी है।
सरकार का शटडाउन क्या है? एक बुनियादी टूटन
मूल रूप से, अमेरिकी सरकार का शटडाउन तब होता है जब कांग्रेस और राष्ट्रपति सरकार की फंडिंग पर सहमति नहीं बना पाते और नया बजट क़ानून लागू नहीं कर पाते। जब सरकार का पैसा ख़त्म हो जाता है, तो “ग़ैर-आवश्यक” कामकाज बंद हो जाते हैं।
संवैधानिक नींव: पैसों की ताक़त
शटडाउन का ज़िक्र अमेरिकी संविधान में सीधे तौर पर नहीं किया गया है। यह दो संवैधानिक सिद्धांतों का नतीजा है:
- Congressional Power of the Purse (पैसे का अधिकार): संविधान का अनुच्छेद I कहता है कि संघीय फंड खर्च करने का अधिकार कांग्रेस के पास है, राष्ट्रपति के पास नहीं। “No Money shall be drawn from the Treasury, but in Consequence of Appropriations made by Law.”
- The Antideficiency Act: यह कानून संघीय एजेंसियों को बिना कांग्रेस से मंज़ूरी लिए पैसा खर्च करने या नए अनुबंध करने से रोकता है।
हर वित्तीय वर्ष (जो 1 अक्टूबर से शुरू होता है), कांग्रेस को 12 अलग-अलग appropriations bills पास करने होते हैं और राष्ट्रपति को उन्हें साइन करना होता है। अगर समयसीमा तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तो शटडाउन हो जाता है।
आवश्यक बनाम ग़ैर-आवश्यक सेवाएँ: कौन काम करेगा और कौन नहीं?
शटडाउन के दौरान सरकार पूरी तरह गायब नहीं हो जाती। कर्मचारियों को “Essential” और “Non-Essential” में बाँटा जाता है।
- Essential Employees (आवश्यक कर्मचारी): ये लोग काम करते रहते हैं, अक्सर बिना वेतन की गारंटी के। इनमें शामिल हैं:
- Active-duty सैन्य बल
- Air traffic controllers
- FBI और Border Patrol जैसी एजेंसियों के अधिकारी
- सरकारी अस्पतालों के स्टाफ
- पावर ग्रिड और जेल कर्मचारी
- Non-Essential Employees (ग़ैर-आवश्यक कर्मचारी): इन्हें अनिवार्य, बिना वेतन की छुट्टी (furlough) पर भेज दिया जाता है। ये अपने कार्य ईमेल तक नहीं देख सकते।
यह स्थिति अजीब है — जैसे एक राष्ट्रीय स्मारक की रक्षा करने वाला पार्क रेंजर “essential” माना जाता है, लेकिन पर्यावरण एजेंसी का वैज्ञानिक “non-essential”।

संकट की संरचना: शटडाउन क्यों होते हैं?
शटडाउन लगभग कभी भी संयोग से नहीं होते। ये गहरी राजनीतिक ध्रुवीकरण का परिणाम हैं और अक्सर दबाव बनाने के हथियार की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं।
- The Budget Impasse (बजट की टकराहट):
जब एक पार्टी बड़े खर्च में कटौती चाहती है और दूसरी सामाजिक कार्यक्रमों या रक्षा में निवेश बढ़ाना चाहती है, तो टकराव हो जाता है। समझौता न होने पर शटडाउन होता है। - Policy Riders (नीति की शर्तें):
कभी-कभी असली मुद्दा पैसा नहीं, बल्कि नीतियाँ होती हैं। सांसद बजट बिलों के साथ विवादास्पद शर्तें जोड़ देते हैं जैसे—किसी कार्यक्रम को फंडिंग बंद करना, पर्यावरण नियम बदलना या आव्रजन नीति को प्रभावित करना। - Political Brinkmanship (राजनीतिक टकराव):
यह “राजनीतिक चिकन गेम” की तरह है। हर पक्ष सोचता है कि जनता दूसरे को दोष देगी और दबाव में आकर झुक जाएगी।

ऐतिहासिक समयरेखा: हर अमेरिकी शटडाउन और उसका असर
1980 से पहले सरकार कभी-कभी बिना फंडिंग के भी काम करती रही, लेकिन 1980 में अटॉर्नी जनरल Benjamin Civiletti की व्याख्या के बाद यह स्पष्ट हो गया कि फंडिंग न होने पर एजेंसियाँ काम नहीं कर सकतीं।
- 1981 (1 दिन): राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने खर्च में कटौती के लिए सरकार बंद की।
- 1990 (3 दिन): राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश और कांग्रेस के बीच घाटे को कम करने पर टकराव।
- 1995-1996 (21 दिन): राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और रिपब्लिकन हाउस स्पीकर न्यूट गिंगरिच के बीच ऐतिहासिक लड़ाई।
- 2013 (16 दिन): “Affordable Care Act (Obamacare)” को रोकने की असफल कोशिश।
- 2018-2019 (35 दिन): अब तक का सबसे लंबा शटडाउन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक हाउस के बीच US-Mexico border wall पर संघर्ष।

लहराती चोट: शटडाउन के वास्तविक परिणाम
शटडाउन कोई अमूर्त राजनीतिक घटना नहीं है—इसके असर सीधे लाखों अमेरिकियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ते हैं।
- कर्मचारियों और परिवारों पर असर: वेतन रुकने से घर-खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है।
- अर्थव्यवस्था पर असर: 2018-19 के शटडाउन ने GDP को लगभग $11 अरब का नुकसान पहुँचाया।
- सेवाओं में बाधा:
- राष्ट्रीय उद्यानों का बंद होना
- हवाई यात्रा में देरी
- FDA, NIH और EPA जैसी एजेंसियों का काम रुकना
- गरीब अमेरिकियों के लिए SNAP/WIC जैसी योजनाओं पर असर
राजनीतिक दोषारोपण: बार-बार का चक्र
हर शटडाउन से पहले मीडिया और नेता “किसकी गलती है” की बहस करते हैं। विपक्ष के पास जब वोट नहीं होते, तो शटडाउन का हथियार ही ध्यान खींचने का तरीका बन जाता है।
निष्कर्ष: एक टलने योग्य समस्या जिसके असली दाम हैं
अमेरिकी सरकार का शटडाउन कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि राजनीतिक असफलता है। यह कामकाज रोककर समझौता करने का दबाव डालने का साधन है, लेकिन इसकी क़ीमत सबसे ज़्यादा सरकारी कर्मचारियों, ठेकेदारों और आम नागरिकों को चुकानी पड़ती है।
इतिहास साफ़ दिखाता है कि शटडाउन राजनीतिक हथियार के रूप में अक्सर विफल साबित होते हैं और ज़्यादातर नुकसान करने वाली पार्टी की साख को नुकसान पहुँचता है। जब तक अमेरिकी राजनीति में समझौते की संस्कृति नहीं लौटती, तब तक शटडाउन का खतरा बना रहेगा।